एक हास्यरस कविता जो फेसबुक पर लड़कियों, महिलाओं और युवतियों को छेड़ने वाले, बदतमीज़ी करने वाले, परेशान ... एक हास्यरस कविता जो फेसबुक पर लड़कियों, महिलाओं और युवतियों को छेड़ने वाले, बदतमीज़...
इश्क़िया ख़यालातों से लबरेज़ एक मीठी सी नज़्म.. इश्क़िया ख़यालातों से लबरेज़ एक मीठी सी नज़्म..
लोग चले जाते हैं रह जाते हैं पन्ने... लोग चले जाते हैं रह जाते हैं पन्ने...
जो गड्ढे तुमनें खोदे हैं अपनी अमानत रखने को, जो गड्ढे तुमनें खोदे हैं अपनी अमानत रखने को,
तेरी हंसी में हंसू तुझे अपने में समेटे हुए बहती जाऊं। तेरी हंसी में हंसू तुझे अपने में समेटे हुए बहती जाऊं।
खफा था तुझसे मैं हर एक बात के लिए मगर ये लफ़्ज़ ना दे सके गवाही। खफा था तुझसे मैं हर एक बात के लिए मगर ये लफ़्ज़ ना दे सके गवाही।